मोटा अनाज कई बीमारियों का इलाज – मिलेट्स-मैन डॉ. खादर वली
नोएडा, 21 जनवरी। मोटा अनाज (मिलेट्स) को जीवन शैली में अपनाने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने वाले सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ खादर वल्ली जी अन्नपूर्णा फार्म, दोस्तपुर मंगरोली-छपरोली, सेक्टर – 168 , नोएडा में विभिन्न “श्री धान्यों” की बुआई की। इस दौरान उन्होंने प्रतिभागियों के मिलेट्स से संबंधित जिज्ञासाओं का भी समाधान किया।
कार्यक्रम के आयोजक एवं पूर्व सांसद श्री आर के सिन्हा ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि विश्व प्रसिद्ध “मिलेट्स-मैन” के साथ कुछ घंटे बिताने का सौभाग्य हमें प्राप्त हो रहा है। भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में परंपरागत अन्नों पर रिसर्च कर सर्वप्रथम इन “श्रीधान्यों” औषधि का सार्थक विकल्प सिद्ध करने वाले मिलेट मैन के नाम से मशहूर पदमश्री डॉ खादर वली ने बताया कि किस प्रकार हम मोटे अनाज से किसी भी गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज कर सकते हैं। जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, थायराइड, हृदय रोग आदि जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए मिलेट्स के सेवन की कारगर विधि हैं।
एक स्वतंत्र वैज्ञानिक 66 वर्षीय डॉ वली ने खाद्य और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत सारी परियोजनाओं पर काम किया है। वे 20 सालों से मोटे अनाज की पैरवी के साथ ही गेहूं, चावल और चीनी के नुकसान से भी लोगों को अवगत करा रहे हैं। उनका मानना है कि लोगों के जीवन में लाइफस्टाइल विकार ऐसे ही भोजन से आ रहे हैं। डॉ वली ने अपने चुने पांच मोटे अनाजों का मिश्रण को “श्रीधान्य” नाम दिया इसके लिए उन्होंने खडू कृषि पद्धति को प्रोत्साहित किया। इनके जरिए उन्होंने हजारों लोगों का इलाज भी किया। कई बीमारियों को ठीक करने में मददगार इन मोटे अनाजों का उत्पादन आने वाले में क्रांतिकारी रूप से बढ़ेगा जिसका फायदा भारत उठा सकता है। वह मिल्लेट्स खाने के फायदों की वकालत कर रहे हैं। वह मिट्टी की उर्वरता को बचाने और सही प्रकार की कृषि पद्धतियों का प्रयोग जल संचय और पर्यावरण समृद्धि पर भी सार्थक कार्य कर रहे हैं।
कार्यक्रम के बाद सभी प्रतिभागियों ने “लिट्टी चोखा” जो उत्तर भारत का परंपरागत सर्दी के मौसम का विशिष्ट व्यंजन भी है, का दोपहर के भोजन के रूप में आनंद लिया।